Considerations To Know About sidh kunjika
नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ ६ ॥
मां भगवती के इस पाठ को करने की विधि है उसका पालन जरूर करें. आइए जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.
ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।
ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।
గమనిక: శరన్నవరాత్రుల సందర్భంగా "శ్రీ లలితా స్తోత్రనిధి"
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीः, वां वीं वागधीश्वरी तथा।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं click here क्षं फट् स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण, मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता है.